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  • लेखक की तस्वीरLaxmi Ji

मंडक में दूल्हा को छोड़कर लड़की चल चली





में सिंदूर भरा जाता है खुशी और दुखी दोनों घर में होता है खुशी कौन नहीं चाहता है खुशी की बुनियादी नहीं होता खुशी का कोई अनोखा नहीं होता है खुशी सबको पास होत

मांगा है


एक खबर है थोड़ा सबसे हटकर एक खबर है क्योंकि एक लड़की को जब शादी हुआ कुछ खुशियां उनके पास नहीं था शादी के अलावा उनके पास अगर दूसरा खुशियां नहीं जाए क्योंकि शादी उनके मंडप में उनके साथ ही जब आए और सभी परिवार के साथ में शादी रचा कर करीबन 5:00 बजे उनके मांग में सिंदूर 12 भर दिया गया उनके पास खुल प्रज्ञा तिवारी को वहां से बड़ी खुशियां उनके मुस्कान पर आने लगी



यूपी के गोंडा की एक अनोखी खबर के साथ मंडप में बैठी दुल्हन की मांग में सुबह 5:00 बजे जैसे ही दूल्हे में सिंदूर भरा वैसे ही दुल्हन मंडप छोड़ कर नौकरी की काउंसलिंग में चली गई वहां से उसे सरकारी नौकरी मिल गई और वापस आकर खुशी खुशी विदा हुई गोंडा में बाराबंकी की रहने वाली प्रज्ञा तिवारी मेहंदी रची हाथों में अपने डॉक्यूमेंट को सभा और फॉर्म फिल करते हुए दिखे क्योंकि शिक्षा विभाग में प्रज्ञा की काउंसलिंग की डेट शादी प्रज्ञा को छोड़कर जाना पड़ा और अपने डॉक्यूमेंट चेक करवा रही थी रही थी


दुल्हन को विदाई होने पर सभी खुशी-खुशी विदाई की क्योंकि विदाई होने के बाद सभी अपने-अपने चर्चे में लोग लगने लगे क्योंकि लड़की से पूछा गया जब उनकी ससुराल वाले पूछे कि आप बड़े भाग्यशाली हो उसने बताया कि नहीं मैं मेरे पति मेरे लिए बड़े भाग्यशाली है मेरे जीवन की सबसे बड़ी उम्मीद थी वैभवशाली है मेरे उनको हाथों मेरे मास्को करे तो मेरे किस्मत ही खुल गया







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